बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय ।
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय ।।
भावार्थ: कबीर दास जी कहते हैं, जब मैंने इस संसार में बुरे लोगो को खोजा, तो मुझे कोई भी बुरा आदमी नहीं मिला| परन्तु जब अपने अंदर झाँका (अपनी अंतरात्मा...
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